About the Book
यूं तो गांधी के जीवन व उनके दर्शन पर अनेक कार्य हो चुके हैं परन्तु उत्तर-आधुनिकतावाद जैसे सम-सामयिक सिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में अभी तक दार्शनिक रूप से व्यवस्थित कार्य कम ही हुआ है। इस दिशा में यह पुस्तक एक अत्यन्त ही सराहनीय प्रयास है।
लेखिका ने उत्तर-आधुनिकतावाद की मूलभूत विशेषताओं, यथा, बुद्धिवाद का विरोध, तत्ववाद का विरोध तथा स्थानीयता के परिप्रेक्ष्य में गांधी-दर्शन का बड़ा ही सूक्ष्म, समीक्षात्मक व तार्किक परीक्षण किया है तथा यह बताने का प्रयास किया है कि, यद्यपि दोनों ही विचारधाराओं में एक सतही साम्य अवश्य दिखता है, तथापि अपने मूल रूप में ये अलग.अलग सिद्धान्त हैं।
Contents
1. आधुनिकतावाद व उत्तर-आधुनिकतावाद
2. गांधी द्वारा आधुनिकतावाद की आलोचना
3. समकालीन विमर्श: गांधी पूर्व-आधुनिक, आधुनिक व उत्तर-आधुनिक विचारक के रूप में
4. सत्य एवं अहिंसा: नवीन विश्व-व्यवस्था की आधारशिला
5. उपसंहार
About the Author / Editor
उपासना पाण्डेय ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, से वर्ष 2005 में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। वे अगस्त 2005 से इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के राजनीति विज्ञान विभाग में अध्यापन कार्य कर रहीं हैं।