राजनीतिक विचार (RAJNITIK VICHAR – Political Thought)

P.D. Sharma

राजनीतिक विचार (RAJNITIK VICHAR – Political Thought)

P.D. Sharma

-15%846
MRP: ₹995
  • ISBN 9788131610091
  • Publication Year 2019
  • Pages 248
  • Binding Hardback
  • Sale Territory World

About the Book

राजनीतिक विचार वह विचार पुंज है जो राज्य के ढांचे, प्रकृति और उद्देश्य सम्बन्धी विचारों को प्रस्तुत करता है। समाज में मनुष्य का नैतिक आचरण उसकी परिधि है। 
राजनीतिक विचार का प्रत्येक अध्येता अन्य चिंतकों के विषय में यह मान कर चलता है कि उनके सारे तर्क विवादास्पद मान्यताओं और इससे भी अधिक तर्क की उन विवादास्पद प्रक्रियाओं से गुजरते हैं जो निश्चय ही गलत साबित होते हैं।
लेखक ने इस पुस्तक के माध्यम से निम्नलिखित महत्वपूर्ण प्रश्नों का समुचित उत्तर देने का प्रयास किया है -
•   राजनीति विचारों को क्यों पढ़ें?
•   राज्य क्या है और मनुष्य इसकी आज्ञा क्यों मानते हैं?
•   राज्य के प्राधिकार की उपयुक्त सीमाएं क्या हैं और मनुष्य किस स्थिति में इसकी आज्ञा मानने से मना कर सकता है?
•   विवेक, इच्छा और इतिहास की परम्परायें क्या हैं?
प्रस्तुत कृति यूनानियों की विवेकी इच्छा परम्परा से आरम्भ होती है। तदोपरांत, 17वीं शताब्दी की ‘इच्छा’ और ‘कौशल’ परम्परा से गुजरती हुई ऐतिहासिक समतावाद तक आती है, जहां 18वीं और 19वीं शताब्दियां मिलती हैं। हिन्दी माध्यम में यह एक नया प्रयोग है जो नयी शिक्षा नीति के अनुरूप उपयुक्त पाठ्य-सामग्री का सृजन है।


Contents

1. राजनीतिक विचार : एक नैतिकता नियामक विचार दृष्टि
2. राज्य : एक मानव निर्मित मशीनतंत्र है - समझौते से बने राज्य की उपयोगिता
3. राज्य : एक विकासमान जीवतन्त्र है - इच्छा और विवेक के विचार का जैविक विकास
4. राज्य : एक शोषक वर्ग का षड्यन्त्र है - सशक्त बुर्जुआ द्वारा गरीबों के दमन की वर्ग संस्था
5. संभावनाओं की शताब्दियां : राष्ट्रीय राज्य से वैश्विक राज्य की ओर


About the Author / Editor

पी.डी. शर्मा (जन्मः 1933) ने एम.पी.ए. (लोक प्रशासन) तथा पी.एच.डी. (राजनीति विज्ञान) अमेरिका के मिनसोटा विश्वविद्यालय, मिनियापोलिस (1967) से अर्जित की। वे वर्ष 1967 के फुलब्राइट स्कॉलर हैं और राजस्थान विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान (1986-89) तथा लोक प्रशासन (1975-77) विभागों में विभागाध्यक्ष रहे। उन्होंने अमेरिका के लिनोर राइन परिसर (नार्थ कैरोलिना) और मिनियापोलिस परिसरों पर अध्ययन, अध्यापन और शोध कार्य किया है। विश्व के विभिन्न देशों में 40 वर्षों से लोक प्रशासन और मैनेजमेंट पढ़ाने वाले डॉ. शर्मा जयपुर के पोद्दार इन्स्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के डाइरेक्टर (1989-90) भी रहे हैं। डॉ. शर्मा का हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर असाधरण अधिकार है। प्रोफेसर शर्मा को उनकी लाइफ टाइम अचीवमेंट्स के लिए IIPA दिल्ली ने एपल-बी अवार्ड देकर एक समर्पित समाज-वैज्ञानिक घोषित किया है। वे मसूरी, हैदराबाद, माउन्ट आबू तथा लखनऊ के प्रशिक्षण संस्थानों में दशकों तक अतिथि फैकल्टी के रूप में आमंत्रित किये जाते रहे हैं।


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