About the Book
भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक महान मानववादी, उच्च कोटि के देशभक्त व विद्वान व्यक्ति थे। वे प्रखर बुद्धि के धनी, स्वाभिमानी तथा अन्याय के विरुद्ध डटकर संघर्ष करने वाले महापुरुष थे। उन्होंने दलितों, वंचितों, मजदूर, किसानों एवं स्त्रियों के अधिकारों के लिये संघर्ष किया।
डॉ. अम्बेडकर एक समाज-सुधारक मात्रा नहीं, सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। उनकी दृष्टि में दलितों की समस्या केवल एक सामाजिक समस्या ही नहीं थी। उनका मत था कि दलितों का संघर्ष राजनीतिक सत्ता में भागीदारी का संघर्ष है और एक बार यदि यह भागीदारी मिल गई तो, सामाजिक न्याय के आधार पर समाज के पुनर्निर्माण का कार्य सरल हो जायेगा।
प्रस्तुत शोध में डॉ. अम्बेडकर के विचारों का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनके व्यक्तित्व, पारिवारिक पृष्ठभूमि, अध्ययन अध्यापन तथा उन पर विभिन्न प्रभावों का अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन तथा स्वतंत्रता प्राप्ति की दिशा में डॉ. अम्बेडकर द्वारा किये गये प्रयासों की भूमिका का भी अध्ययन किया गया है।
डॉ. अम्बेडकर के राष्ट्रीय आंदोलन एवं राष्ट्रवादी विचारों को कुछ विशेष सिद्धांतों एवं परिस्थितियों के संदर्भ में रेखांकित किया गया है। प्रस्तुत अध्ययन में सामाजिक न्याय, दलितोत्थान एवं सामाजिक परिवर्तन में भीमराव अम्बेडकर की भूमिका का वर्णन किया गया है। डॉ. अम्बेडकर ने संविधान के प्रमुख शिल्पी की भूमिका का वहन करते हुए संविधान में जिन प्रमुख व्यवस्थाओं एवं सिद्धांतों का अनुकरण किया उनमें सहमति एवं समायोजन के प्रमुख दृष्टिकोण को निर्णय प्रक्रिया का प्रमुख आधार बनाया गया है। अन्त में डॉ. अम्बेडकर के आर्थिक विचारों का विश्लेषण करने का विनम्र प्रयास किया है।
Contents
1 डॉ. अम्बेडकर का विचार दर्शन: अध्ययन का उद्देश्य, उपलब्ध साहित्य का सर्वेक्षण एवं अध्ययन पद्धति
2 भीमराव अम्बेडकर का व्यक्तित्व: पारिवारिक पृष्ठभूमि, अध्ययन, अध्यापन एवं सार्वजनिक जीवन में प्रवेश का अध्ययन तथा विभिन्न व्यक्तियों और संस्थाओं का डॉ. अम्बेडकर पर प्रभाव
3 भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन तथा स्वतंत्रता प्राप्ति में डॉ. अम्बेडकर की भूमिका
4 सामाजिक न्याय एवं दलितोत्थान: अम्बेडकर के सामाजिक परिवर्तन सम्बन्धी विचार
5 भारतीय संविधन निर्माण के सैद्धान्तिक आधार
6 भारतीय संविधान के प्रारूप का निर्धारण
7 डॉ. भीमराव अम्बेडकर के आर्थिक विचार और नीतियां
8 सारांश एवं शोध निष्कर्ष
About the Author / Editor
रमेश चावला राजस्थान विश्वविद्यालय के राजनीति-विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं तथा पत्रकारिता, प्रबंध लेखन एवं अध्यापन में कार्यरत हैं। आपने राजस्थान विश्वविद्यालय के अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र के निदेशक के रूप में कार्य किया है तथा राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा मनोनीत राजस्थान विश्वविद्यालय में पांच वर्ष तक सीनेट सदस्य भी रहे।