About the Book
विभिन्न विश्वविद्यालयों के स्नातक स्तर के पाठयक्रमों के साथ-साथ प्रतियोगिता परीक्षा के अभ्यर्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर इसकी रचना एक स्तरीय पाठ्य-पुस्तक के रूप में की गयी है। जो लोग समाजशास्त्र पहली बार अध्ययन कर रहे हैं, उनके लिए भी यह पुस्तक विशेष रूप से उपयोगी होगी। अँगरेजी भाषा में लिखी गयी नवीनतम उच्च स्तरीय पुस्तकों को आधार मानकर विभिन्न प्रकार के समाजशास्त्रीय विचारां को एक जगह इकट्टठा कर एक मौलिक ढंग से विश्लेषण देने का प्रयास किया गया है।
इस पुस्तक में नवीनतम तथ्यों को सिलसिलेवार ढंग से रखने का भरपूर प्रयास किया गया है। एक ही विषय पर भिन्न-भिन्न लेखकों के भिन्न-भिन्न दृष्टिकोण होते हैं। वैसे तमाम विचारों को काफी हद तक शामिल करने का प्रयास किया गया है। सम्बद्ध समाजशास्त्रीय अवधारणाओं का प्रामाणिक अनुवाद और उनके के विश्लेषण के साथ-साथ पाश्चात्य विद्वानों के नामों का भी प्रामाणिक उच्चारण इस पुस्तक की अपनी विशिष्टता है। आमतौर पर हिन्दी की पुस्तकों में न तो तकनीकि शब्दों का शुद्ध अनुवाद और न ही लेखकों के नामों का शुद्ध उच्चारण देखने को मिलता है। प्रस्तुत पुस्तक विश्वसनीय समाजशास्त्रीय तथ्यों एवं सूचनाओं का रोचक भण्डार है। इसमें जटिल-से-जटिल तथ्यों को सहजता एवं सुगमता से प्रस्तुत किया गया है।
Contents
• समाजशास्त्र का स्वरूप एवं क्षेत्र या विषय-वस्तु, समाजशास्त्र की उपयोगिता एवं अन्य समाज विज्ञानों के साथ उसका सम्बन्ध
• समाजशास्त्र के कतिपय पथ-प्रदर्शक
• समाज
• समुदाय
• समिति और संस्था
• प्रथाएँ, लोकरीतियाँ एवं लोकाचार
• सामाजिक समूह : स्वरूप एवं प्रकार
• सामाजिक प्रक्रियाएँ
• सामाजिक संस्थाएँ
• संस्कृति एवं सभ्यता
• सामाजिक स्तरण : आधार एवं प्रकार
• सामाजिक नियन्त्रण : क्रियाविधि एवं अभिकरण
• सामाजिक परिवर्तन : स्वरूप एवं कारक
• समाजशास्त्र की अनुसन्धान प्रविधियाँ
• कतिपय भारतीय समाजशास्त्री
About the Author / Editor
जे. पी. सिंह, एम.ए. (पटना विश्वविद्यालय); एम.फिल. (जे.एन.यू.); पी-एच.डी. (ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, कैनबेरा), प्रोफेसर (सेवा-निवृत्त), स्नातकोत्तर समाजशास्त्र विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना। निदेशक (उच्च शिक्षा), बिहार सरकार तथा प्रो-वाइसचांसलर, पटना विश्वविद्यालय के रूप में योगदान का अनुभव। लेखक एक प्रख्यात समाजशास्त्री एवं जनसंख्याशास्त्री के रूप में जाने जाते हैं। आधुनिक भारत का समाजशास्त्र, मानवशास्त्र शब्दकोश, समाजविज्ञान विश्वकोश, समाजशास्त्र पारिभाषिक शब्दावली तथा A Comprehensive Dictionary of Sociology इनकी प्रमुख कृतियों में से हैं।