प्रमुख समाजशास्त्रीय विचारक (PRAMUKH SAMAJSHASTRIYA VICHARAK – Key Sociological Thinkers) – Hindi

S.L. Doshi and P.C. Jain

प्रमुख समाजशास्त्रीय विचारक (PRAMUKH SAMAJSHASTRIYA VICHARAK – Key Sociological Thinkers) – Hindi

S.L. Doshi and P.C. Jain

-15%319
MRP: ₹375
  • ISBN 9788170336686
  • Publication Year 2001
  • Pages 380
  • Binding Paperback
  • Sale Territory World

About the Book

समाज विज्ञानों में सामाजिक विचारकों को लगभग समस्त विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मानपूर्ण स्थान प्राप्त है। परन्तु हिन्दी में सामाजिक विचारकों पर पर्याप्त साहित्य का अभाव है और जो कुछ उपलब्ध है उसमें बहुआयामी संदर्श नहीं अपनाया गया है। वे विषय जो प्राय: पाठ्यक्रम में होते हैं उन्हीं का निर्वाह विचारकों की पुस्तकों में मिलता है। ऐसी अवस्था में विचारकों को उनके सम्पूर्ण कृतित्व के रुप में समझने का अवसर पाठकों व विद्यार्थियों को नहीं मिलता। प्रस्तुत पुस्तक इस कमी को पूर्ण करने की दिशा में एक प्रयास है।
इस पुस्तक में समस्त प्रमुख सामाजिक विचारकों, यथा, अगस्त कॉम्ट, कार्ल मार्क्स, हरबर्ट स्पेन्सर, इमाइल दुर्खीम, जार्ज सिमेल, मैक्स वेबर, विलफ्रेडो पेरेटो, पितरिम सोरोकिन, टालकट पारसंस एवं रोबर्ट के. मर्टन को सम्मिलित किया है।
यह पुस्तक समाजशास्त्र के विद्यार्थियों के अतिरिक्त उन समस्त पाठकों की ज्ञान-जिज्ञासाओं की तुष्टि करने का प्रयत्न करेगी जो सामाजिक विचारकों के सम्बन्ध में अधिकाधिक ज्ञान प्राप्त करने में रुचि रखते हैं।


Contents

 अगस्त कॉम्ट (Auguste Comte)
 कार्ल मार्क्स (Karl Marx)
 हरबर्ट स्पेन्सर (Herbert Spencer)
 इमाइल दुर्खीम (Emile Durkheim)
 जार्ज सिमेल (Georg Simmel)
 मैक्स वेबर (Max Weber)
 विलफ्रेडो पेरेटो (Vilfredo Pareto)
 पितरिम सोरोकिन (Pitirim Sorokin)
 टालकट पारसंस (Talcott Parsons)
 रोबर्ट के. मर्टन (Robert K. Merton)


About the Author / Editor

शम्भू लाल दोषी ने साऊथ गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत, मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर तथा महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक में अध्यापन कार्य किया है। अध्यापन के अतिरिक्त आपने पर्याप्त अनुसंधान कार्य भी किया है। साथ ही, सामाजिक परिवर्तन, स्तरीकरण तथा आदिम समाजों पर अधिकृत रूप से लिखा है। आपके कई अनुसंधान मोनोग्राफ भी प्रकाशित हुए हैं।

प्रकाश चन्द्र जैन नयी पीढ़ी के समाजशास्त्री हैं। आपने सामाजिक आन्दोलन, सामाजिक परिवर्तन तथा आदिवासी और पिछड़े वर्गों पर कतिपय अनुसंधानात्मक रचनाएं प्रस्तुत की हैं। वर्तमान में आप राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर के समाजशास्त्र विभाग में सह प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।


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