महात्मा गांधी एवं अहिंसा का समाजशास्त्र

संपादक: राजीव गुप्ता (Rajiv Gupta)

महात्मा गांधी एवं अहिंसा का समाजशास्त्र

संपादक: राजीव गुप्ता (Rajiv Gupta)

-20%1196
MRP: ₹1495
  • ISBN 9788131613580
  • Publication Year 2024
  • Pages 260
  • Binding Hardback
  • Sale Territory World

About the Book

महात्मा गांधी (1869-1948) भारतीय स्वाधीनता संघर्ष तथा दक्षिण अफ्रीका में नस्ल विरोधी आंदोलन के सर्वाधिक शक्तिशाली हस्ताक्षर हैं। चिन्तन एवं सक्रियता के समन्वय से गांधी के व्यक्तित्व की रचना होती है जिसमें सत्य, अहिंसा, शान्ति, सत्याग्रह, प्रतिबद्धता एवं निर्भीकता के मूल्यों का गहराई से समावेश है। सर्वधर्म सद्भाव के प्रखर प्रवक्ता होने के कारण साम्प्रदायिक एवं एक्सक्लूजनरी सोच की वैचारिकी ने तीस जनवरी सन् 1948 को उनकी हत्या कर दी। यह हत्या समानता, स्वतन्त्रता, लोकतन्त्र एवं न्याय के मूल्यों पर भी प्रहार थी। हिंसा एवं साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण निर्देशित विभाजन मूलक राजनीति के वर्तमान दौर में महात्मा गांधी का चिन्तन ‘द आइडिया ऑफ इंडिया’ की साझा संस्कृति की भाषा से बनी इबारत लिखता है। महात्मा गांधी लोकतन्त्र एवं समावेशी जीवन क्रियाओं का प्रतिनिधित्व करने के कारण समाज विज्ञान के ऐसे विचारक के रूप में उभरते हैं जो ‘अहिंसा के समाजशास्त्र’ की शाखा को आधार देता है।
इस पृष्ठभूमि के साथ इस सम्पादित पुस्तक के समस्त आलेखों एवं दस्तावेजों को पढ़ने, समझने व विचार करने की जरूरत है।


Contents

    परिचय: महात्मा गांधी एवं अहिंसा का समाजशास्त्र / राजीव गुप्ता
1    राष्ट्रनिर्माण का गांधीमार्ग: ‘रचनात्मक कार्यक्रम’ का पुनर्पाठ / आनंद कुमार
2    गांधी के विचारों की समसामयिकता: ‘हिन्द स्वराज’ पर एक टिप्पणी / अशोक पंकज
3    भूमंडलीकृत अर्थव्यवस्था के संदर्भ में गांधी का ट्रस्टीशिप का सिद्धांत / सुदर्शन आयंगार
4    सामाजिक विभेद का प्रतिषेध और गांधी चिंतन / विजय कुमार वर्मा
5    हिंसक समाज में गांधी / ज्योति सिडाना
6    हिंसा की सभ्यता बनाम भारतीय अहिंसा की संस्कृति / रेणु व्यास
7    अहिंसा का समाजशास्त्र और जयपुर स्कूल ऑफ सोशियोलॉजी / राजीव गुप्ता
8    गांधी के जीवन और दर्शन को कैसे समझा जाए / निशिकांत कोलगे
9    गांधी का शिक्षा दर्शन: आश्रमों में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयोगों के संदर्भ में एक अध्ययन / बी.एम. शर्मा
10    तृष्णा, जलवायु परिवर्तन एवं व्यक्तिवाद: गांधीवादी विकल्प / नरेश दाधीच
11    महात्मा गांधी और उन पर असत्य के प्रयोग / आलोक कुमार श्रीवास्तव
12    गांधी-अंबेडकर: द स्पेस फॉर शेयर्ड ड्रीम्स / अजय कुमार
13    संघर्ष समाधान का गांधीमार्ग: एक रचनात्मक दृष्टिकोण / संजीव कुमार
14    कोविड-19 के संकटकाल में गांधी की प्रासंगिकता / राजीव गुप्ता
गांधी के महत्वपूर्ण दस्तावेज
1    हिन्दुस्तान की दशा
2    दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास: प्रथम खण्ड
3    ग्रामसेवा
4    सत्याग्रह बनाम ‘पैसिव रेजिस्टेन्स’
5    गिरमिट की प्रथा


About the Author / Editor

राजीव गुप्ता समाजशास्त्र विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हैं। उच्च शिक्षा, साम्प्रदायिकता, धर्म-निरपेक्षता सहित विभिन्न सामाजिक प्रघटनाओं पर उन्होंने अनेक लेख लिखे हैं। सम्पादित पुस्तकों के अतिरिक्त हाल ही में उनकी पुस्तक ‘इन्टलैक्चुअल्स इन कन्टम्प्रेरी इण्डियन सोसायटी-क्रिटिकल इन्टेरोगेशन्स’ का प्रकाशन हुआ है। गांधी एवं मार्क्स के अध्ययन से उनका गहरा जुड़ाव रहा है। वर्तमान में राजीव गुप्ता जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय सचिव समूह का भाग हैं और इण्डियन सोश्यल साइंस एसोशिएसन के अध्यक्ष हैं।


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