भारतीय सामाजिक विचारक (BHARATIYA SAMAJIK VICHARAK – Indian Social Thinkers) – Hindi

S.L. Doshi

भारतीय सामाजिक विचारक (BHARATIYA SAMAJIK VICHARAK – Indian Social Thinkers) – Hindi

S.L. Doshi

-15%723
MRP: ₹850
  • ISBN 9788131602768
  • Publication Year 2010
  • Pages 236
  • Binding Hardback
  • Sale Territory World

About the Book

प्रस्तुत पुस्तक भारतीय समाजशास्त्रीय विचारकों पर एक बेबाक विश्लेषण है। मुख्य रूप से इस विवेचन का आधार विधि और वैज्ञानिक तेजस्विता है। लेखक का निष्कर्ष है कि पिछले वर्षों में समाजशास्त्रीय विचारकों ने जो समाजशास्त्र विकसित किया है, वह खण्डित है तथा उसमें धर्म-निरपेक्षता, एकाधिक संस्कृति, बहुधर्म और बहु-भाषा हाशिये पर है। संविधानसम्मत भारतीय समाज इन विचारकों के फोकस से बाहर है।
लेखक ने भारतीय समाज के महान विचारकों और चिंतकों को अपने इस अध्ययन में सम्मिलित किया है। ये विचारक जहाँ परम्परा और धार्मिक ग्रन्थों के प्रणेता हैं, वहीं वे आधुनिकीकरण, वैश्वीकरण और मार्क्सवादी विचारधारा के पोषक भी हैं। सभी का किसी न किसी अर्थ में भारतीय समाज से सरोकार है।
इस पुस्तक में भारतीय मूल के लेखकों के अतिरिक्त लूई ड्यूमा और डेविड हार्डिमैन जैसे विदेशी विचारकों को भी सम्मिलित किया है, जिन्होंने जीवनपर्यन्त भारतीय समाज पर लिखा है। 
पुस्तक प्रतियोगी परीक्षार्थियों, अध्यापकों और अनुसंधानकर्ताओं के लिये उपयोगी सिद्ध होगी।


Contents

•    भारतीय सामाजिक विचारक: समाजशास्त्रीय सरोकार
•    जी.एस. घुर्ये का समाजशास्त्र और उनकी इन्डोलाॅज़ी 
•    ए.आर. देसाई के समाजशास्त्र में मार्क्सवाद
•    एम.एन. श्रीनिवास: संरचनात्मक-प्रकार्यवाद
•    लुई ड्यूमो: जाति संस्तरण
•    डी.पी. मुकर्जी: परम्परा, आधुनिकता और मार्क्सवाद
•    आन्द्रे बेतेइ: जाति, तुलनात्मक विधि और सामाजिक मानवशास्त्र 
•    अम्बेडकर: अस्पृश्यता, स्वरूप और संदर्श
•    एस.सी. दुबे: बदलता ग्रामीण जीवन, आधुनिकीकरण और विकास
•    डेविड हार्डिमैन: अधीनस्थों का अध्ययन और आंदोलन
•    भारतीय समाज का समाजशास्त्र


About the Author / Editor

एस.एल. दोषी ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक, तथा दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत में अध्यापन कार्य किया है। वे एक प्रतिष्ठित लेखक हैं तथा उन्होंने आदिवासियों और आधुनिकीकरण तथा उत्तर-आधुनिकीकरण पर आधिकारिक रूप से हिन्दी और अँग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखा है। 


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