आधुनिक समाजशास्त्रीय विचारक (ADHUNIK SAMAJSHASTRIYA VICHARAK – Modern Sociological Thinkers) – Hindi

एस.एल. दोषी (S.L. Doshi)

आधुनिक समाजशास्त्रीय विचारक (ADHUNIK SAMAJSHASTRIYA VICHARAK – Modern Sociological Thinkers) – Hindi

एस.एल. दोषी (S.L. Doshi)

-15%1101
MRP: ₹1295
  • ISBN 8131600769
  • Publication Year 2017
  • Pages 438
  • Binding Hardback
  • Sale Territory World

About the Book

समाज विज्ञानों, विशेषकर समाजशास्त्र, में सिद्धान्त निर्माण की गतिविधि बड़े संकटकाल से गुज़र रही है। स्वयं समाजशास्त्र के किसी ठीक-ठाक भविष्य के बारे में भी लोगों को संदेह होने लगा है। अभी तक दुर्खीइम, वेबर और मार्क्स जैसे बुनियादी विचारकों का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता था। परन्तु अब ऐसा नहीं है; उत्तर-आधुनिकवादी सिद्धान्तवेत्ता न केवल इनके बखिये उघाड़ रहे हैं, वरन् वे इनके महान् वृत्तान्तों को अस्वीकार भी करने लगे हैं।
विचारक अपने समय की समस्याओं को समझते हैं एवं सिद्धान्तों के माध्यम से इनका निदान खोजने का प्रयास करते हैं। यूरोप और अमेरिका आधुनिकता और उत्तर-आधुनिकता के दोराहे पर खड़े हैं। आधुनिक विचार उत्तर-आधुनिकता का खण्डन करते हैं और उत्तर-आधुनिक विचारक कहते हैं कि आधुनिकता के दिन लद गये। अब उत्तर-आधुनिकता आ गयी हैं। विचारकों का एक और खेमा है जो बराबर यह कह रहा है कि आज का समाज खतरे का समाज है, जिसमें अनिश्चितता ही अनिश्चितता है। प्रस्तुत पुस्तक आधुनिक विचारकों का आलोचनात्मक अध्ययन करती है। इसके माध्यम से हम आधुनिक समाज को समझने में सफल होंगे, ऐसा प्रयास है।


Contents

समाजशास्त्रीय विचारक: क्लासिकल से आधुनिक
आधुनिकता क्या है?
आधुनिकता के सिद्धान्त
उद्योगवाद से उत्तर-उद्योगवाद तक और उसके पार
हेराॅल्ड गारफिंकल
लुई अल्थ्यूज़र
इरविंग गाॅफमैन
युरगेन हेबरमाॅ
एंथनी गिडेन्स
विवेचनात्मक सिद्धान्त: होर्खाइमर, एडाॅर्नो, माकूॅज़ और हेबरमाॅ
उत्तर-आधुनिक दशा: क्लासिकल समाजशास्त्र को चुनौती
पीयर बूरदीए
जाॅक् दरिदा
ज्यां-फ्रेंकोज़ ल्योतार
ज्यां बोड्रिलार्ड
फ्रेड्रिक जेमेसन
मिशेल फूको
उत्तर आधुनिक सामाजिक सिद्धान्त: समाजशास्त्रीय सिद्धान्त का विकल्प और उसको चुनौती
संरचनावाद और उत्तर-संरचनावाद
वैश्वीकरण: वैश्वीय समाज की ओर 


About the Author / Editor

एस.एल. दोषी ने साऊथ गुजरात विश्वविद्यालय, सूरत, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर तथा महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक में अध्यापन कार्य किया है। प्रो. दोषी समाजशास्त्र में हिन्दी और अंग्रेजी दोनों विधाओं में लिखने वाले जाने-माने हस्ताक्षर हैं। इन्होंने विचारकों और सिद्धान्त के विषय में अधिकृत रूप से लिखा है। उनकी बहुचर्चित पुस्तक आधुनिकता, उत्तर-आधुनिकता एवं नव समाजशास्त्रीय सिद्धान्त विद्यार्थियों व अध्यापकों में अत्यधिक लोकप्रिय है। 


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