About the Book
समाज कार्य का व्यावसायिक दृष्टि से अध्ययन का प्रभाव भारत के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में दिखाई दे रहा है। फलस्वरूप समाज कार्य के अंतिम वर्ष की परीक्षा पूर्व ही विभिन्न संस्थानों द्वारा छात्रों को आकर्षक वेतन पर नियुक्त कर लिया जाता है।
अमेरिका में समाज कार्य के अध्ययन और अध्यापन में समाज कार्य की प्राथमिक विधियों (केस वर्ग और ग्रुप वर्क) का विशेष महत्व है, क्योंकि वहां न तो गरीबी और न अशिक्षा। किन्तु भारत में गरीबी और अशिक्षा का प्रभाव अभी भी बना हुआ है। इस दृष्टि से सामाजिक परिवर्तन और विकास सम्बन्धी विधियों का यहां इस विषय के अध्यापन में विशेष महत्व देने की आवश्यकता है।
सामाजिक क्रिया (Social Action) विषय पर अंग्रेजी भाषा में केवल कुछ ही पुस्तकें उपलब्ध हैं, तथा हिन्दी भाषा में तो इस विषय पर किसी भी मानवग्रन्थ की रचना का अभाव रहा है जिसकी पूर्ति हेतु प्रस्तुत ग्रन्थ की रचना की गई है।
सामाजिक परिवर्तन और विकास का सबसे महत्वपूर्ण तरीका अहिंसक रूप से किया गया सामाजिक आन्दोलन है। इस क्षेत्र में महात्मा गांधी का सर्वाधिक योगदान है। अतः ग्रन्थ के द्वितीय खण्ड में महात्मा गांधी और सामाजिक आन्दोलन को विशेष महत्व दिया गया है।
Contents
खण्ड 1 - सामाजिक क्रिया : सिद्धान्त एवं अवधारणायें
• सामाजिक क्रिया की परिभाषा एवं विशेषताएं
• सामाजिक क्रिया का इतिहास और प्रासंगिकता
• सामाजिक क्रिया की पद्धतियां
• सामाजिक क्रिया की रणनीतियां और कौशल
• सामाजिक क्रिया की कुछ और रणनीतियां
• सामाजिक क्रिया, जनसहयोग एवं लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण
• सामाजिक क्रिया का महत्व, उद्देश्य और दमन विरोधी सिद्धान्त
• सामाजिक क्रिया के कुछ अन्य महत्वपूर्ण पक्ष
• सामाजिक क्रिया का समाज कार्य की विधियों से सम्बन्ध
• सामाजिक क्रिया के लिए दक्षताएं
• सामाजिक क्रिया के मॉडल्स
• सामाजिक समस्या का अर्थ एवं प्रकृति
• सामाजिक कार्य और सामाजिक क्रिया का एकीकृत दृष्टिकोण
• सामाजिक कार्य और सामाजिक क्रिया में सम्प्रेषण
खण्ड 2 - सामाजिक क्रिया : सिद्धान्त एवं अवधारणायें
• महात्मा गांधी और सामाजिक क्रिया
• सामाजिक क्रिया के रचनात्मक कार्यक्रम
• पर्यावरण प्रदूषण, पर्यावरण संरक्षण एवं जन आन्दोलन
• आधुनिक भारत में नारीवादी आंदोलन
• भारत में गांधी और जन आन्दोलन : चम्पारण सत्याग्रह से भारत छोड़ो आन्दोलन तक
• भूदान एवं ग्रामदान
• उपभोक्ता संरक्षण आन्दोलन
• भारत में मानवाधिकार आंदोलन
• सत्याग्रह
• एचआईवी/एड्स की रोकथाम और नियंत्रण में समाज कार्य हस्तक्षेप
About the Author / Editor
तेजस्कर पाण्डेय उत्तर प्रदेश के लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अधिकारी हैं। इन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुये समाज कार्य से सम्बन्धित कई शोध निबन्धों एवं महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की है। समाज कार्य के ज्ञान भण्डार की वृद्धि में वे निरन्तर योगदान देते रहें हैं। इनकी प्रकाशित पुस्तकें - सामाजिक वैयक्तिक सेवा कार्य, सामाजिक सामूहिक सेवा कार्य तथा सामुदायिक संगठन छात्रों और अध्यापकों की दृष्टि से अतिउपयोगी प्रमाणित हो रही हैं।
बालेश्वर पाण्डेय एक लम्बी अवधि तक समाज कार्य विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कार्यरत थे। इस दौरान वे सात वर्षों तक विभागाध्यक्ष और दो बार संकायाध्यक्ष रह चुके हैं। आप कई विश्वविद्यालयों में समाज कार्य के अतिरिक्त प्रोफेसर के पद पर भी कार्यरत थे। डॉ. पाण्डेय को चार दशक से ऊपर समाज कार्य के उच्चस्तरीय अध्यापन एवं शोध निदेशक का अनुभव प्राप्त है। आप कई विश्वविद्यालयों के अध्यापन मण्डल, शोध समिति एवं चयन समिति के सदस्य रह चुके हैं। इनके उच्चस्तरीय लेख देश और विदेश की कई पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुके हैं। इन्होंने समाज कार्य एवं मानव संसाधन विकास की तीस पुस्तकों की रचना की है। उनकी कई पुस्तकों को उत्तर प्रदेश सरकार एवं बिहार सरकार द्वारा सम्बन्धित विषय की सर्वोत्तम पुस्तक करार देते हुए पुरस्कृत भी किया है।