अम्बेडकर और दलित आन्दोलन (AMBEDKAR AUR DALIT AANDOLAN – Ambedkar and Dalits Movements): Rajasthan Ke Sambandh Mein (Hindi)

श्यामलाल (Shyam Lal )

अम्बेडकर और दलित आन्दोलन (AMBEDKAR AUR DALIT AANDOLAN – Ambedkar and Dalits Movements): Rajasthan Ke Sambandh Mein (Hindi)

श्यामलाल (Shyam Lal )

-15%1016
MRP: ₹1195
  • ISBN 9788131607046
  • Publication Year 2015
  • Pages 224
  • Binding Hardback
  • Sale Territory World

About the Book

राजस्थान में 1930 के दशक से अम्बेडकर आंदोलन की उत्पत्ति एक अत्यन्त महत्वपूर्ण गतिविधि रही है। वर्तमान अध्ययन में 1930 के दशक के प्रारंभिक वर्षों में हुए दो महत्वपूर्ण परिवर्तनों - दलित दृढ़कथन की लहर और निचले स्तर पर जन-साधारण में सक्रियता - के अतंर्गत अम्बेडकर आंदोलन की उत्पत्ति, विचारधरा, कार्यक्रम, रणनीति एवं प्रसार को दर्शाया गया है। यह गहन अध्ययन स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात की शिक्षित पीढ़ी, उर्ध्वगामी गतिशील, सामाजिक रूप से जागरुक एवं राजनीतिक दृष्टि से सचेतन दलितों के साथ साक्षात्कारों पर आधरित है।
अम्बेडकर आंदोलन के सामाजिक-राजनीतिक इतिहास और बौद्ध धर्म में धर्मान्तरण के 75 वर्षों की खोज-खबर लेते हुए दलितों के उद्यमों, टकरावों और अनुभवों का लेखा-जोखा अध्ययन में प्रस्तुत किया गया है। यह अध्ययन दलितों और भारतीय राजनीति पर अम्बेडकर के भाषणों और आंदोलन के प्रभाव तथा हिन्दु धर्म के अनुष्ठानों व चुनौतियों को अलग तरीके से परिभाषित करता है।
राजस्थान के दलित समुदायों में आज दिख रही महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर विशेष बल देते हुए अध्ययन में अम्बेडकर आंदोलन के सीमित होने के कारणों की छानबीन भी की गई है।
राजस्थान में अम्बेडकर आंदोलन पर संभवतः यह एकमात्र शोधकार्य है, जो समाजशास्त्रियों, मानवशास्त्रियों, राजनीतिशास्त्रियों और दलित अध्ययनरत सभी लोगों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।


Contents

1    अम्बेडकर और दलित आन्दोलन: राजस्थान के सामाजिक-धार्मिक परिप्रेक्ष्य का संक्षिप्त इतिहास   
2    अस्पृश्यता के प्रति चैतन्यता तथा राजपूताना के देशी राज्यों में आन्दोलन: अम्बेडकर आन्दोलन की राजनीतिक-सामाजिक जड़ें
3    डाॅ. अम्बेडकर और राजस्थान में दलित आन्दोलन का उदय - 1: 1932-1969, जयपुर, अजमेर, जोधपुर   
4    डाॅ. अम्बेडकर और राजस्थान में दलित आन्दोलन का उदय - 2: 1957-1994, बीकानेर, श्रीगंगानगर, उदयपुर, बांसवाड़ा और कोटा
5    राजस्थान में अस्पृश्यता तथा दलितों पर अत्याचार
6    उपसंहार   


About the Author / Editor

प्रोफेसर श्यामलाल पटना विश्वविद्यालय, पटना (बिहार) के कुलपति रहे हैं। इससे पहले वे जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति तथा राजस्थान विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति भी रह चुके हैं। वे राजस्थान सरकार के कला, साहित्य व संस्कृति विभाग के अंबेडकर फाउण्डेशन में पाण्डुलेखन समिति के अध्यक्ष पद पर भी कार्य कर चुके हैं। पूर्व में वे राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के समाजशास्त्र विभाग में प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष और इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल रिसर्च एंड एप्लाइड एन्थ्रोपोलाॅजी, कोलकाता के अध्यक्ष पद को भी सुशोभित कर चुके हैं। वे कई वर्ष तक राजस्थान विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान अनुसंधान केन्द्र के निदेशक के रूप में भी काम कर चुके हैं। उन्हें आई.सी.एस.एस.आर. की डाॅ. बी.आर. अम्बेडकर नेशनल फैलोशिप भी 2003-04 और 2004-05 में प्राप्त हुई थी।
प्रोफेसर श्यामलाल बहुसर्जक लेखक हैं। उनकी 20 पुस्तकें तथा विभिन्न पत्रा-पत्रिकाओं में पचास से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं।


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