About the Book
सामाजिक शोध: सिद्धान्त एवं व्यवहार पर यह पुस्तक सामाजिक अनुसंधान के मूल तत्वों का वर्णन करती है लेकिन प्राथमिक तौर पर, सामाजिक कार्य के सिद्धान्त और व्यवहार में शोध पद्धतियों के अनुप्रयोग पर केन्द्रित है।
सामाजिक कार्य के छात्रों को सक्षम बनाने में सामाजिक कार्य अनुसंधान अद्वितीय भूमिका अदा करता है। यह पुस्तक शिक्षकों, पेशेवरों को उनके उच्च पेशेवर मानकों और जवाबदेही के प्रति बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक होगी।
इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य सामाजिक कार्य के आधारभूत ज्ञान में अभिवृद्धि करना है और विभिन्न शोध पद्धतियों, उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करके सामाजिक कार्य व्यवहार को वैज्ञानिक व्यवहार के अनुरूप बनाना है। यह पुस्तक सामाजिक कार्य व्यवसाय में शिक्षाविदों और पेशेवरों दोनों को ही उचित मार्गदर्शन प्रदान करेगी और जो पहली बार शोध कार्य में संलग्न हैं उनके लिये यह पुस्तक सरल, स्पष्ट और सुगम है।
Contents
• वैज्ञानिक अभिगम
• शोध के आधारभूत तत्व
• आधारभूत शोध अभिकल्पन
• सामाजिक शोध में मापन
• प्रतिदर्शज़ और प्रतिदर्शज़ अभिकल्पन
• समंक संग्रहण की विधियाँ
• समंकों का संसाधन और विश्लेषण
• द्वितीयक समंकों का विश्लेषण
• सामाजिक कार्य शोध
• एकल विषय शोध अभिकल्पन
• समाज कार्य में शोध मूल्यांकन
• केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापें
• विक्षेपण की मापें
• साहचर्य की मापें
• साहचर्य के गैर प्राचल परीक्षण
• एकल विषय अभिकल्पन हेतु सार्थकता का परीक्षण
• भिन्नता के प्राचल परीक्षण
About the Author / Editor
डी.के. लाल दास, काॅलेज आॅफ सोशल वर्क, हैदराबाद में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। आप कई राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय समाजकार्य संगठनों के सदस्य हैं। राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर आॅस्ट्रिया, सिंगापुर, अमेरिका, जर्मनी, द नीदरलैंड्स एवं इजिप्ट में सम्मेलनों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं। इन्होंने तीन पुस्तकों तथा कई भारतीय व विदेशी पत्र-पत्रिकाओं के लिए अनेक शोध पत्रों का लेखन किया है।
(अनुवादक)
सुनील सिंह चन्देल, मध्यप्रदेश सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान, उज्जैन में सीनियर डाक्यूमेन्टेशन आॅफिसर (एसोसिएट प्रोफेसर) के पद पर कार्यरत हैं। आपने गणित, ग्रन्थालय एवं सूचना विज्ञान तथा अर्थशास्त्र विषयों में मास्टर की उपाधि प्राप्त की है। आपने ग्रन्थालय एवं सूचना विज्ञान विषय में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। आपके बहुआयामी विषयों पर कई पुस्तकें एवं प्रतिष्ठित शोधपत्रिकाओं में कई शोध आलेख प्रकाशित हुए हैं।