प्रायोगिक भूगोल (PRAYOGIK BHOOGOL – PRACTICAL GEOGRAPHY) Hindi

R.N. Mishra and P.K. Sharma

प्रायोगिक भूगोल (PRAYOGIK BHOOGOL – PRACTICAL GEOGRAPHY) Hindi

R.N. Mishra and P.K. Sharma

-15%421
MRP: ₹495
  • ISBN 9788131610152
  • Publication Year 2019
  • Pages 640
  • Binding Paperback
  • Sale Territory World

About the Book

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Contents

1.   मानचित्र-कला (Cartography)
2.   मानचित्रा (Map)
3.   मापनी (Scale)
4.   मानचित्रों का विवर्धन, लघुकरण और संयुक्तीकरण (Enlargement, Reduction and Combination of Maps)
5.   उच्चावच निरूपण (Representation of Relief)
6.   परिच्छेदिकाएं एवं ढाल विश्लेषण (Profiles and Slope Analysis)
7.   मानचित्र प्रक्षेप (Map Projection)
8.   भौमिकीय मानचित्र (Geological Maps)
9.   स्थलाकृतिक मानचित्र (Topographical Maps)
10. वितरण मानचित्र (Distribution  Maps)
11. मौसम मानचित्र (Weather Maps)
12. सांख्यिकीय आँकड़ों का निरूपण (Representation of Statistical Data)
13. सांख्यिकीय विधियां (Statistical Methods)
14. जरीब एवं फीता सर्वेक्षण (Chain and Tape Survey)
15. समपटल पट्ट सर्वेक्षण (Plane Table Survey)
16. प्रिज्मेटिक कम्पास सर्वेक्षण (Prismatic Compass Survey)
17. थियोडोलाइट सर्वेक्षण (Theodolite Surveying)
18. समतलन उपकरण (Levelling Instruments)
19. सुदूर संवेदन तकनीक (Remote Sensing Techniques)
20. भौगोलिक सूचना तंत्र (Geographical Information System
21. क्षेत्र अध्ययन तथा प्रतिवेदन लेखन (Field Study and Report Writing)


About the Author / Editor

आर.एन. मिश्रा, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के भूगोल विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष पद से सन 2013 में सेवानिवृत्त हुए हैं। दीर्घ शैक्षणिक एवं शोध अनुभव के साथ-साथ इनके लगभग 40 लेख शोध-पत्रों में प्रकाशित हैं। राजस्थान भौगोलिक एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं इससे प्रकाशित एनाल्स के सम्पादक भी रहे हैं तथा वर्तमान में अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संगठनों के सदस्य के रूप में भी कार्यरत हैं। आपके चार संदर्भ ग्रंथ एवं एक पाठ्य-पुस्तक पूर्व में प्रकाशित हैं।

पवन कुमार शर्मा, भूगोल विभाग, डॉ. हरी सिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। आपने एम.फिल, एवं पी.एच.डी. के साथ-साथ जनसंख्या पारिस्थितिकी विषय में डिप्लोमा भी किया है। इन्होंने यू.जी.सी. नेट और जे.आर.एफ. के अतिरिक्त यू.जी.सी. एवं आई.सी.एस.एस.आर. के दो मेजर प्रोजेक्ट भी पूरे किये हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपके अनेक शोध-पत्रा प्रकाशित हो चुके हैं।


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