About the Book
विश्व भूगोल, हमारी पृथ्वी की भौगोलिक स्थितियों का सुसंगत तथा सुव्यवस्थित ज्ञान कराता है। इस पुस्तक में प्रमुख रूप से किस प्रकार से लोग इस पृथ्वी पर विस्तरित हैं, कैसे अपना जीवन निर्वाह करते है, तथा कैसे इसमें समय-समय पर परिवर्तन होते रहे हैं, का अध्ययन किया गया है।
इसमें विश्व के विभिन्न भौगोलिक प्रदेशों/देशों की भौतिक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं का विस्तृत विवेचन कुल अठारह अध्यायों के माध्यम से किया गया है। तर्कसंगत, अकाट्य तथा विश्वसनीय शैली में लिखी गई इस पुस्तक में संक्षिप्तता तथा स्पष्टता का विशेष ध्यान रखा गया है। महाद्वीपों के भूगोल को अधिक सरलता से समझाने के उद्धेश्य से उचित स्थानों पर सम्बन्धित मानचित्र तथा फोटो-प्लेट्स भी दिये गये हैं। इस प्रकार ज्ञानप्रद मूल.पाठ (text) तथा मानचित्रों/चित्रों से सुस्सजित यह पुस्तक विश्व के समस्त प्रदेशों का विस्तृत अध्ययन कराती है।
आशा है, विश्व भूगोल का यह संक्षिप्त परन्तु व्यापक ज्ञान विद्यार्थियों तथा अध्यापकों के लिये समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगा।
Contents
• अफ्रीका (Africa)
• उत्तरी अफ्रीका (North Africa)
• उत्तर-पूर्वी अफ्रीका (North Eastern Africa)
• पश्चिमी अफ्रीका (West Africa)
• पश्चिम-मध्य अफ्रीका (West-Central Africa)
• दक्षिणी अफ्रीका (Southern Africa)
• एशिया (Asia)
• दक्षिण-पश्चिमी एशिया (South-West Asia)
• दक्षिण एशिया (South Asia)
• दक्षिण-पूर्वी एशिया (South-East Asia)
• पूर्वी एशिया (East Asia)
• मध्य एशिया (Central Asia)
• यूरोप (Europe)
• उत्तरी अमेरिका (North America)
• मध्य अमेरिका (The Middle America)
• दक्षिणी अमेरिका (South America)
• ओशेनिया (Oceania)
• अंटार्कटिका (Antarctica)
About the Author / Editor
माजिद हुसैन जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली में भूगोल के भूतपूर्व प्रोफेसर हैं। अध्यापन तथा अनुसंधान के प्रति उच्च कोटि की प्रतिबद्धता रखने वाले डाॅ. हुसैन न केवल भूगोल की कठिनतम अवधारणाओं की सरलतम शब्दों में व्याख्या करने की असाधारण योग्यता रखते हैं, बल्कि वृहद् तथ्यों का निश्चयात्मक ढंग से विश्लेषण करने का सामर्थ्य भी रखते हैं।
डाॅ. हुसैन की विभिन्न पुस्तकों, विशेषकर भौतिक भूगोल, भौगोलिक माॅडल्स, भारत का भूगोल, भौगोलिक चिन्तन का इतिहास, मानव भूगोल तथा कृषि भूगोल, की न केवल सर्वत्र सराहना हुई है बल्कि भारत एवं विदेशों में इन्हें मूल.पाठ (text) तथा सन्दर्भ-ग्रन्थों के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।