About the Book
प्रस्तुत पुस्तक में दक्षिण एशिया के आठ राष्ट्रों- भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव - द्वारा राष्ट्रीय साधनों के पूर्ण विदोहन, क्षेत्रीय स्तर पर पारस्परिक सहयोग, आर्थिक विकास की प्रक्रिया को गति प्रदान करने हेतु गठित किये गये दक्षेस संघ (SAARC) के संदर्भ में अध्ययन किया गया है। समय-समय पर दक्षेस संघ के माध्यम से हुये सहयोग का विवेचन व परस्पर अवरोधों का विश्लेषण इस पुस्तक का अहम उद्देश्य है। आज वैश्विक परिदृश्य में सभी महाशक्तियां क्षेत्रीय नीतियों की ओर अग्रसर हो रहीं हैं; ऐसे में भारत व पडौस जो कि लोकप्रिय शब्द दक्षेस के नाम से सुविख्यात है, अपनी आर्थिक अपेक्षाओं के लिए जन दक्षेस में प्रवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में इस संगठन की महत्ता को और अधिक स्पष्ट करते हुए दक्षेस संघ की सफलता के मार्ग में उत्तरदायी कारणों का विश्लेषण करते हुये संघ को मजबूत बनाने के लिए सुझाव भी पुस्तक में दिये गये हैं।
Contents
1. परिचयात्मक: क्षेत्र राजनीति में समूह चेतना का उद्भव
2. नई अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का उदय
3. दक्षिण एशिया में सहयोग के स्वर
4. दक्षिण एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था का परिचयात्मक अध्ययन
5. अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में दक्षिण एशिया की व्यापारिक स्थिति
6. दक्षेस आर्थिक सहयोग के बहुपक्षीय आयाम
7. निष्कर्ष
About the Author / Editor
भावना शर्मा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICSSR), नई
दिल्ली तथा राजनीति विज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में
पोस्ट डाक्टरल रिसर्च फेलो के रूप में कार्यरत हैं। इन्होंने सेठ गंगाधर
शिव भगवान पटवारी महाविद्यालय बगड, झुंझुनूं और गिन्नी देवी सेखसरिया
गर्ल्स पीजी कॉलेज, चिड़ावा, झुंझुनूं में अध्यापन कार्य किया है। इन्होंने
डाक्टरेट की उपाधि राजनीति विज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
से प्राप्त की है। इनके लगभग 25 से अधिक शोध पत्र व आलेख प्रकाशित हुए हैं
और इन्होंने लगभग 45 राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठीयों में पत्र वाचन
किया है। इनका रूचि क्षेत्र स्त्री विमर्श, वैदेशिक संबंध व सामाजिक सरोकार
रहा है।