About the Book
प्रस्तुत पुस्तक श्रम कल्याण एवं औद्योगिक संबंधों के विषय में एक मानक एवं उच्चस्तरीय ग्रन्थ है। प्रसिद्ध विद्वान जाॅन डनलप का मत है कि औद्योगिक संबंधों में इस तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं कि संबंधित विचारधाराएं एवं सिद्धांत पीछे रह जाते हैं, और वास्तविक व्यवहार आगे निकल जाते हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में इस पुस्तक में श्रम कल्याण एवं औद्योगिक सम्बन्धें की विवेचना की गई है। औद्योगिक संबंधों को इम्प्लायमेण्ट रिलेशंन्स के रूप में देखा गया है। उत्पन्न विवादों को व्यवहार विज्ञान मूलक अनुभव से सुलझाने का प्रयास किया गया है। सामूहिक सौदेबाजी को द्विपक्षीय वार्ता के रूप में अपनाया गया है, और सिस्टम थियरी को विशेष महत्व दिया गया है। औद्योगिक संबंधों के परम्परागत तीन एक्टर्स के स्थान पर पाँच एक्टर्स को महत्व दिया गया है। औद्योगिक संबंधों में होने वाले परिवर्तनों के परिप्रेक्ष्य में कानूनी प्रावधानों के महत्व एवं उपादेयता पर भी प्रकाश डाला गया है। विशेषकर द्वितीय राष्ट्रीय श्रम आयोग की संस्तुतियों के परिप्रेक्ष्य में छंटनी और बन्दी के नए आयामों पर प्रकाश भी डाला गया है। इस पुस्तक में औद्योगिक संबंधों के अन्तर्गत श्रमिक संघ, प्रबन्धक एवं राज्य की भूमिकाओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है। कुल मिलाकर यह प्रयास किया गया है कि हिन्दी या अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं के मानक ग्रन्थों की अपेक्षा इस ग्रन्थ का स्तर और ऊँचा हो। इस सम्बन्ध में उल्लेखनीय बात यह भी है कि, औद्योगिक सम्बन्ध अब समाजकार्य, प्रबंधशास्त्र, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, वाणिज्यशास्त्र एवं मनोविज्ञान आदि विषयों के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग है।
Contents
खण्ड 1 - श्रम कल्याण एवं औद्योगिक संबंधों का सैद्धांन्तिक पक्ष• श्रम कल्याण का दर्शन
• औद्योगिक प्रतिष्ठानों में समाज कार्य
• श्रम कल्याण के अधिनियमित प्रावधान
• श्रम कल्याण सम्बन्धी अन्य सुविधाएं
• श्रम कल्याण अधिकारी
• औद्योगिक सम्बन्ध
• नियोक्ता संघ
• श्रमिक संघ
• औद्योगिक विवाद
• सामूहिक सौदेबाजी
• औद्योगिक प्रतिष्ठानों की प्रबन्ध व्यवस्था में श्रमिकों का सहभाजन
• राज्य और औद्योगिक सम्बन्ध विषयक नीति
खण्ड 2 - श्रम कल्याण एवं औद्योगिक सम्बन्धें का वैधनिक पक्ष• भारत में श्रम विधानों की उत्पत्ति और विकास
• कारखाना अधिनियम, 1948
• औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947
• श्रम संघ अधिनियम, 1926
• औद्योगिक अभियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम, 1946
• अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन
About the Author / Editor
बालेश्वर पाण्डेय, पूर्व प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी हैं। इन्हें तीन दशक से अधिक का शैक्षिक एवं शोध क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। इनकी अनेक पुस्तकें एवं लेख प्रकाशित हुए हैं।